खत्म होगा फाइलेरिया की बीमारी

खत्म होगा फाइलेरिया
अभियान 


किदवई नगर समाचार संवाददाता इमरान अन्सारी
• लोगों को किया जा रहा जागरूक,10 दिसंबर तक चलेगा अभियान  
• स्वस्थ शरीर में हो सकता है फाइलेरिया इसलिए दवा जरूर खाएं 
कानपुर , 13 नवम्बर 2019 


 जिले में फाइलेरिया रोग से बचने के लिए स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन द्वारा संयुक्त रूप से 25 नवंबर से जिले में फाइलेरिया मुक्ति अभियान चलाया जायेगा। इसके अंतर्गत पी.सी.आई(प्रोजेक्ट कन्सर्न इन्टरनेशनल)संस्था के द्वारा प्रतिदिन आम लोगों को इस रोग के विषय मे जागरूक किया जा रहा है। इसी क्रम में पी.सी.आई(प्रोजेक्ट कन्सर्न इन्टरनेशनल) संस्था के प्रतिनिधि प्रदीप गुप्ता द्वारा बुधवार को सामुदायिक भवन, भगाही, किदवईनगर में सुपरवाइजर को एमडीए कार्यक्रम के लिए प्रशिक्षण दिया गया। 
  प्रदीप ने बताया कि एमडीए की दवा साल में एक बार मुफ्त में हर घर मे वितरित की जाती है जिसका सेवन कर लोग इस बीमारी से बच सकते है। बताया कि इस गोली का सेवन खाली पेट नही करना चाहिए साथ ही दो साल से छोटे बच्चे, गर्भवती महिला और गम्भीर बीमारी से पीड़ित लोग छोड़कर इस दवा का सेवन हर कोई कर सकता है। 
उन्होंने बताया कि इस अभियान के अंतर्गत जिले के सभी स्कूलों में कैंप लगाकर दवा का वितरण किया जाएगा। 10 दिसंबर तक चलने वाले अभियान में लोगों को फाइलेरिया रोकने की दवा डीइसी टैबलेट और कृमि रोधी अल्बेंडाजोल की गोली दी जाएगी। फाइलेरियासिस रोग का पूर्ण उन्मूलन कार्यक्रम भारत सरकार ने प्रारंभ किया है। आंगनबाड़ी सेविका, सहिया और स्वास्थ्य कार्यकर्ता लोगों के घर-घर जाकर दवा वितरित करते हुए निर्धारित डोज लेने के लिए प्रेरित करेंगे।
संयुक्त निदेशक, फाइलेरिया डॉ. वी. पी. सिंह का कहना है कि “अभियान के तहत दो से पांच साल के बच्चों को डी.ई.सी. की 100 मिलीग्राम की एक गोली और और अल्बेंडाजोल की 400 मिलीग्राम की एक गोली दी जाती है। छह से 14 साल के बच्चों को डी. ई. सी. की 100 मिलीग्राम की दो गोलियां और अल्बेंडाजोल की 400 मिलीग्राम की एक गोली दी जाती हैं, जबकि 15 साल और उससे ऊपर के लोगों को डी. ई. सी. की तीन गोलियां और अल्बेंडाजोल की 400 मिलीग्राम की एक गोली खिलायी जाती है। दो साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रोगियों को यह दवा नहीं खिलायी जाती है। डी. ई. सी. की गोली को खाली पेट नहीं खाना चाहिए और अल्बेंडाजोल की गोली को चबाकर खाना चाहिए। इसके साथ ही इन दवाओं को स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के सामने ही खाना होता है।”
फाइलेरिया के लक्षण 
- सामान्यतः तो इसके कोई लक्षण स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देते हैं।
- बुखार, बदन में खुजली तथा पुरुषों के जननांग और उसके आस-पास दर्द और सूजन की समस्या दिखाई देती है।
- पैरों व हाथों में सूजन, हाथी पाँव और हाइड्रोसिल (अंडकोषों का सूजन) के रूप में भी यह समस्या सामने आती है।


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