टेरर फंडिंग करने वाले चार युवकों को एटीएस ने किया गिरफ्तार 


लखनऊ। लखनऊ में यूपी एंटी टेररिस्ट स्क्वाड ने टेरर फंडिंग व फेक करेंसी नेटवर्क से जुड़े चार युवकों को गिरफ्तार किया गया है। बताया जा रहा है कि एटीएस की टीम ने यह गिरफ्तारी लखीमपुर जिले से की है। जिसमें आरोपियों के पास से नकली नोट भी बरामद किए हैं। इसके लिये यूपी पुलिस पकड़े गए आरोपियों के एक साथी की तलाश के लिए नेपाल पुलिस के भी संपर्क में हैं। हालांकि टेरर फंडिंग नेटवर्क का खुलासा करते हुए डीजीपी ओपी सिंह ने कहा विदेशों से अवैध धन मंगाकर आतंकी गतिविधियों में इस्तेमाल करने के आरोप में चार युवकों को लखीमपुर से एटीएस ने गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से भारतीय और नेपाली मुद्रा मिली है। वहीं, बताया जा रहा है कि पिछले साल एटीएस ने मध्य प्रदेश के एक टेरर फंडिंग नेटवर्क का खुलासा किया था। जिसमें राष्ट्र बैंक जनकपुर नेपाल के सिस्टम को हैक किया गया था। हालांकि इस गैंग के एक सदस्य मुमताज को यूपी और नेपाल पुलिस तलाश रही है। वहीं, आरोपियों के मोबाईल डेटा को रिट्रीव किया जा रहा है। इसके अलावा डीजीपी ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त की शिनाख्त खीरी के उम्मेद अली ,संजय अग्रवाल, एजाज अली और बरेली का समीर सलमानी के रूप में हुई है। उन्होंने बताया कि नेटवर्क के अहम आदमी मुमताज़ की तलाश में पुलिस लगी हुई है। नेपाल के साथ हम डिप्लोमैटिक प्रक्रिया के तहत भी संपर्क में हैं। डीजीपी ने आगे बताया कि टेरर फंडिंग नेटवर्क के जरिए रकम पहले नेपाल के बैंक खातों में जमा होती है। फिर नेपाल के रास्ते भारत में लाकर इन पैसों का उपयोग आतंकी गतिविधियों में खर्च करने की योजना थी। उन्होंने कहा कि टेरर फंडिंग नेटवर्क मामले में नेपाल सरकार से संपर्क किया जा रहा है। केंद्र सरकार के ज़रिए डिप्लोमैटिक प्रक्रिया के तहत नेपाल सरकार से संपर्क किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में मारा गया अल कायदा आतंकी आसिम उमर यूपी का सनाउल्ला हो सकता है। सनाउल्ला 1998 से ग़ायब बताया जा रहा है। उसके बाद से संभल के चार-पांच युवक और भी ग़ायब हैं। हालांकि आसिम उमर ही सनाउल्ला है फिलहाल इसकी पुष्टि नही हो पाई है। 


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