किदवई नगर स्थित कई एकड़ में बने वृंदावन गार्डन खाली कराने के मामले में हाईकोर्ट ने अहम फैसला दिया है सैन्य अधिकारियों के खिलाफ हाईकोर्ट में अवमानना का वाद अदालत ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह सेना के वरिष्ठ अधिकारियों पर बेजा दबाव बनाने का प्रयास है शासकीय अधिवक्ता (भारत सरकार )पवन तिवारी ने बताया की कैंट की ए/वन लैंड श्रेणी की 62 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जे खाली कराने के लिए सेना ने अभियान चला रखा है वृंदावन गार्डन के मालिक पर पीपी एक्ट की कार्यवाही लंबित चल रही थी विरोध में हाईकोर्ट चले गए थे वहां से गेस्ट हाउस मालिक को अंतरिम राहत मिल गई थी लेकिन उन्होंने पीपी एक्ट की जानकारी छुपा ली थी /स्टे मिलने पर इसी आधार पर अन्य 16 लोग हाई कोर्ट गए थे जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था उन्होंने बताया कि स्टे खारिज होने के बाद गेस्ट हाउस की तरफ से हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना का मामला दाखिल किया गया था/ इसमें पीठासीन अधिकारी और स्टेशन हेड क्वार्टर यूके वैश्यऔर एके राय पर आरोप लगाए गए थे कि आदेश के बावजूद पिलर आदि गाड़ दिए गए हैं सोमवार को इस मामले की सुनवाई थी हाईकोर्ट ने कहा कि आप लोग सेना के अधिकारियों पर नाजायज दबाव बना रहे हैं भविष्य में ऐसा किया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि लोग परिसर अनाधिकृत लोगों के बेदखल अधिनियम के अंतर्गत पीपी एक्ट के पीठासीन अधिकारी को सिविल कोर्ट की तरह सभी अधिकार प्राप्त हैं इसके साथ ही अधिकारियों के खिलाफ न्यायालय की अवमानना का मामला खारिज कर दिया गया/ वंदावन गार्डन मामला किदवई नगर में करोड़ों की जमीन पर बने गेस्ट हाउस का मामला
* हाईकोर्ट की फटकार स्वयं अफसरों पर दबाव बनाने का प्रयास न करें
सैन्य अफसरों के खिलाफ अवमानना का वाद खारिज