बड़े-बड़े अफसर इस धाम पर सलाम ठोकते हैं


देश में राजा श्री रामचंद्र का एक ऐसा मंदिर है जहां राम की पूजा भगवान के तौर पर नहीं बल्कि राजा के रूप में की जाती है। अब राजा राम हैं तो उन्हें सिपाही सलामी भी देते हैं। हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में स्थित ओरछा के राजा राम मंदिर की। यहां राजा राम को सूर्याेदय के पूर्व और सूर्यास्त के पश्चात सलामी दी जाती है। इस सलामी के लिए मध्य प्रदेश पुलिस के जवान तैनात होते हैं। मंदिर की वास्तुकला में बुंदेला स्थापत्य का सुंदर नमूना नजर आता है। कहा जाता है कि राजा राम की मूर्ति स्थापना के लिए चतुर्भुज मंदिर का निर्माण कराया जा रहा था, पर मंदिर बनने से पहले इसे कुछ समय के लिए महल में स्थापित किया गया लेकिन मंदिर बनने के बाद कोई भी मूर्ति को उसके स्थान से हिला नहीं पाया। इसे ईश्वर का चमत्कार मानते हुए महल को ही मंदिर का रूप दे दिया गया और इसका नाम रखा गया 'राम राजा मंदिर।'
हर रोज आते हैं राजा राम
कहा जाता है कि यहां राजा राम हर रोज अयोध्या से अदृश्य रूप में आते हैं। ओरछा शहर के मुख्य चौराहे के एक तरफ राजा राम का मंदिर है तो दूसरी तरफ ओरछा का प्रसिद्ध किला। मंदिर में राजा राम, लक्ष्मण और माता जानकी की मूर्तियां स्थापित हैं। इनका शृंगार अद्भुत होता है। मंदिर का प्रांगण काफी विशाल है। चूंकि यह राजा का मंदिर है इसलिए इसके खुलने और बंद होने का समय भी तय है। सुबह में मंदिर आठ बजे से साढ़े दस बजे तक आम लोगों के दर्शनों के लिए खुलता है। इसके बाद शाम को मंदिर आठ बजे दोबारा खुलता है। रात को साढ़े दस बजे राजा शयन के लिए चले जाते हैं। मंदिर में प्रातरूकालीन और सायंकालीन आरती होती है जिसे आप देख सकते हैं। देश में अयोध्या के कनक मंदिर के बाद यह राम का दूसरा भव्य मंदिर है। मंदिर परिसर में फोटोग्राफी निषेध है। मंदिर का प्रबंधन मध्य प्रदेश शासन के हवाले है, पर लोकतांत्रिक सरकार भी ओरछा से राजाराम की हुकूमत को सलाम करती है। ओरछा शहर को कई तरह के करों से छूट मिली हुई है।  कहा जाता है कि राजा राम की मूर्ति स्थापना के लिए चतुर्भुज मंदिर का निर्माण कराया जा रहा था, पर मंदिर बनने से पहले इसे कुछ समय के लिए महल में स्थापित किया गया लेकिन मंदिर बनने के बाद कोई भी मूर्ति को उसके स्थान से हिला नहीं पाया।


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