फर्जी असलहा लाइसेंस मामले में जितेंद्र का कोर्ट में सरेंडर


कलेक्ट्रेट में फर्जी हस्ताक्षर से असलहा लाइसेंस जारी करने के मामले में आरोपित की अग्रिम जमानत याचिका खारिज हो चुकी है।
किदवई नगर समाचार समाचार संपादक उमेश यादव
कानपुर।  कलेक्ट्रेट में फर्जी हस्ताक्षर से असलहा लाइसेंस जारी करने के मामले में आरोपित कारीगर जितेंद्र ने शनिवार की दोपहर पुलिस से नजरें बचाकर कोर्ट में सरेंडर कर दिया। कोर्ट के आदेश पर पुलिस अभिरक्षा में उसे जेल भेजा गया है। उसने जिला न्यायालय के बाद हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी, जहां से राहत नहीं मिली थी। इसके बाद पुलिस तलाश कर रही थी लेकिन सरेंडर के बाद पुलिस हाथ मलती रह गई। फर्जी तरीके से असलहा लाइसेंस जारी करने के मामले में कोतवाली पुलिस ने लिपिक विनीत और कारीगर जितेंद्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। मामले में विनीत ने कोर्ट में आत्मसमर्पण किया था, जबकि जितेंद्र पुलिस के हाथ नहीं लगा था। उसने दो सप्ताह पहले जिला न्यायालय में अग्रिम जमानत अर्जी डाली थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। बाद में उसने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी डाली थी जिसपर सुनवाई टल रही थी। सुनवाई के दौरान पुलिस ने जितेंद्र के खिलाफ साक्ष्यों के दस्तावेज सौंपे। पर्याप्त साक्ष्य होने पर हाईकोर्ट से भी उसकी अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज कर दी गई थी। पुलिस उसकी सरगर्मी से तलाश कर रही थी। जितेंद्र ने पुलिस की नजरों से बचकर शनिवार की दोपहर महानगर मजिस्ट्रेट निधि यादव की कोर्ट में सरेंडर कर दिया। कोर्ट ने उसे पुलिस अभिरक्षा में जेल भेज दिया है।
बरामद 60 पत्रावलियों में सिर्फ दो फर्जी लाइसेंस की
फर्जी तरीके से असलहे का लाइसेंस जारी करने के मामले में आत्मसमर्पण करने वाले लिपिक विनीत तिवारी का शुक्रवार को कस्टडी रिमांड का समय पूरा हो गया। एसआइटी ने मेडिकल करा उसे कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। सीओ कोतवाली राजेश पांडेय ने बताया कि कस्टडी रिमांड पर आए लिपिक को गुरुवार कलेक्ट्रेट असलहा विभाग ले जाया गया था। जहां से एसआइटी ने 60 पत्रावलियां बरामद हुई। छानबीन की गई तो उसमें सिर्फ दो पत्रावलियां फर्जी लाइसेंस की निकली। विनीत ने बताया कि अन्य पत्रावलियां जितेंद्र के पास हैं। एसआइटी का मानना है कि अब तक अपने बचाव में कारीगर जितेंद्र पत्रावलियों को नष्ट कर चुका होगा। बरामद हुई पत्रावलियों को जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला लखनऊ भेजा है।


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